नमस्कार साथियों, वन्देमातरम्! जय गौमाता की!
मल्टीलेयर कृषि कार्यशाला का समापन, जिसका आयोजन 9 अप्रैल से 19 अप्रैल तक चला, एक सार्थक अनुभव और सीखने का संज्ञान था। इस कार्यशाला ने न केवल कृषि उत्पादन के क्षेत्र में नए और सुधारित तरीकों को प्रमोट किया, बल्कि युवा किसानों को भी एक साथ संजोकर रखा।
कार्यशाला के दौरान, युवा साथियों ने व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया, जिससे उनकी कृषि क्षमता में वृद्धि हुई। उन्हें अलग-अलग प्रयोगों के माध्यम से प्रैक्टिकल ज्ञान मिला, जिसने उनके कृषि ज्ञान को बढ़ाया। इसके साथ ही, सागर जिले के डी एफ़ ओ साहब से फ़ार्म विजिट करके उन्होंने बम्बू मिशन के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
कार्यशाला के समापन सत्र में, मुंबई से पधारे एक्टर व एंकर श्री राजेश जी ने युवा किसानों को सर्टिफिकेट वितरित किए, जिससे उनका संघर्ष और प्रयास मान्यता प्राप्त की गई।
इस कार्यशाला का समापन न केवल एक संवेदनशील माहौल बनाया, बल्कि यह युवा किसानों को नई दिशा दिखाने का भी एक मंच प्रदान किया। इसके माध्यम से, वे न केवल अपने कृषि उत्पादन क्षमता को बढ़ाएंगे, बल्कि नए और नवाचारी तरीकों का अनुसरण करके कृषि क्षेत्र में नए आयाम स्थापित करेंगे।
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि कृषि भारतीय समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, इसलिए ऐसी प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना और उन्हें संचालित करना और भी महत्वपूर्ण है। इस कार्यशाला में उपस्थित युवा किसानों को न केवल कृषि विज्ञान के नवाचारों से परिचित किया गया, बल्कि उन्हें व्यापारिक मंज़िलों की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया गया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम युवाओं को विभिन्न विभागों में नियोजित कृषि उत्पादन के लिए तैयार करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बन गया है। इसके साथ ही, उन्हें आत्मनिर्भर बनाने और उनके स्वार्थ के लिए नए व्यावसायिक अवसरों को ध्यान में रखकर उनके लिए रोजगार के अवसर भी प्रदान किए गए।
इस कार्यशाला का एक अन्य महत्वपूर्ण पहलु यह था कि यह युवाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त करने का भी एक उत्तम मंच प्रदान किया। उन्हें स्वयं को स्वावलंबी बनाने के लिए आवश्यक ज्ञान, कौशल, और विशेषज्ञता प्राप्त करने का मौका मिला। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वे अपने स्वप्नों को पूरा करने के लिए प्रेरित हुए।
इस कार्यशाला के माध्यम से, हमारे युवा किसान नेता नहीं सिर्फ अपनी वैज्ञानिक और कृषि ज्ञान की समृद्धि की, बल्कि वे भी विचार किए गए मुद्दों पर समझौता करने के लिए सक्षम हो गए हैं। इसके अलावा, उन्हें सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी सक्रिय भागीदारी का मौका मिला है, जिससे उनकी आवाज़ को सुना जा सके और उनके मसीहा के लिए लड़ा जा सके।
आखिरकार, इस कार्यशाला ने युवा किसानों को न केवल अपने क्षेत्र में एक मजबूत गति से आगे बढ़ने का मार्ग प्रदान किया है, बल्कि उन्हें सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक स्तर पर भी समृद्धि और सम्मान की ओर अग्रसर किया है। यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे अच्छे शिक्षानुभव और व्यावसायिक अभियान्त्रिकी के द्वारा हम अपने युवा को एक बेहतर और समृद्ध भविष्य की ओर प्रेरित कर सकते हैं।
आकाश चौरसिया
प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश
सौo- गांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र
सह- संपादक-- मनीष कनौजिया
और भी पढ़ें......