नमस्कार साथियों वन्देमातरम् जय गौ माता की
आम की अनेक प्रजातियो का संरक्षण कुल 32 प्रजातियाँ जिसमे प्रमुख है केसर, बादाम,किसन भोग, माल्दा, लगड़ा,सफ़ेदा, वनराज,आम्रपाली,चोसा,तोतापरी,दसहरी,मल्लिका,रत्ना,हिमसागर,रसपुरी,माल्गोवा आदि !
आम फलों का राजा है और हर खेत,आगन,बाडा और थाली की सोभा है इसे संपूर्ण भारत में उगाया जा सकता है । इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आप सब से समक्ष है ।
खेत की तैयारी - सर्वप्रथम खेत में सामान्य पीएच की मिट्टी में 100 किलो चुना पाउडर और 50 किलो नीम पाउडर मिलाकर जुताई कर धूप लगाये या गर्मी के समय 2 वाई 2 फीट का गद्दा खोद कर एक गड्डे में 250 ग्राम चूना पॉउडर और 250 ग्राम नीम पाउडर छिड़ककर कम से कम 15 दिन के लिए छोड़ दीजिए ।
खाद व लगाने की विधि - काली और दो मट मिट्टी में 30 प्रतिशत रेत 30 प्रतिशत वर्मीफ़ोस कॉम्पोस्ट या नार्मल कम्पोस्ट और 40 प्रतिशत मिट्टी का मिश्रण बना कर गड्डे में भरना है और फिर पोधे को गड्डे के केंद्र में लगाना है ।
लगाने का सही समय - लगाने का सही प्रथम समय फ़रवरी का माह है जिसमे पोधे की जड़ मार्च तक ज़मीन में स्थापित हो जाती है और गर्मी में मज़बूत हो जाती है और बारिश में अच्छी बड़वार होती है । दूसरा सही समय 15 जून से 15 जुलाई के बीच में ।
बीमारी रोक थाम - आम में फूल आने से पहले आम के पेड़ में चूना 10 kg , 1 लीटर गोंद, 1 kg खड़ा नामक को 30 लीटर पानी में मिलाकर मिश्रण को पोधे के ज़मीन से लेकर तीन फीट उचाई तक पेंट कर दे इससे दीमक और अनेक हानिकारक जीवों से सुरक्षा प्रदान करते है साथ ही मोर आने पर ब्लाइट की समस्या आती है जिससे पोधे के पत्ते और मोर में काले धब्बे आते है और वहाँ से पत्ती और मोर गिरने लग जाते है इसके उपचार हेतु 250 ग्राम चुना पत्थर को 15 लीटर पानी में घोल कर स्प्रे कर से निवारण हो जाता है ।
अच्छी उपज के लिए उपाय - अगर किसी आम में फ़ुल नहीं आ रहे हो ,फूल आते है पर झड़ जाते हो या फल झड़ जाते है या कम फूल आते हों तो फूल आने के समय 500 मिली लीटर देशी गाय का कच्चा दूध और 50 मिलीलीटर शाहिद को मिलाकर छिड़काव करे यह उपाय दो से तीन बार 8 दिन के अंतराल में स्प्रे करे ।
आकाश चौरसिया
प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश
सौo- गांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र
सह- संपादक-- मनीष कनौजिया
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