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मल्टीलेयर कृषि कार्यशाला से सिद्धार्थनगर के किसानों को नए दिशानिर्देश: आत्मनिर्भरता की ओर

नमस्कार साथियों वन्देमातरम् जय गौमाता की 





तीन दिवसीय मल्टीलेयर कृषि कार्यशाला समाप्त हो गई है, जो कि 12 से 14 मार्च तक चली थी। यह कार्यशाला प्राकृतिक जैविक कृषि के सिद्धांतों के साथ समाप्त हुई। इस कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के सीबीएम इंडिया ट्रस्ट के तत्वावधान में, सिद्धार्थनगर के किसान भाई-बहनों ने भाग लिया। इन किसानों की सभी यात्री अपने विशेष अनुभवों के साथ पहुंचे, और उन्होंने कृषि में अद्वितीय ज्ञान प्राप्त किया।






इस कार्यशाला में, सीबीएम इंडिया ट्रस्ट ने कृषि के क्षेत्र में उत्कृष्टता को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए। यहां के किसान न केवल अपने कृषि क्षेत्र में नए तकनीकी उपायों को अनुसरण किया, बल्कि उन्होंने अपनी आय को भी बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने सिखा कि कैसे अपनी कृषि उत्पादन को मुख्य आर्थिक स्रोत में बदला जा सकता है और कृषि को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है।




यहां के किसानों ने कृषि में आने वाली कई समस्याओं का समाधान भी निकाला। इस कार्यशाला के दौरान, वे अपने कृषि क्षेत्र में आने वाली संकटों को निराकरण के लिए कई नए और प्रभावी तरीकों को समझे और अपनाया।




सागर, मध्यप्रदेश के प्राकृतिक जैविक कृषि क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए यह कार्यशाला एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके माध्यम से, हमारे किसान भाई-बहनों को नए कृषि तकनीकों के प्रति जागरूकता मिली है और वे अपनी कृषि उत्पादन को बेहतर बनाने के लिए तैयार हैं। यह कार्यशाला हमें अपने देश के किसानों के लिए नए समृद्धि और विकास के मार्ग की दिशा में एक कदम आगे ले जाने में सहायक होगी।

#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया)

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सौoगांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र

सह- संपादक-- मनीष कनौजिया

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