नमस्कार साथियों वन्देमातरम् जय गौ माता की
भारत सरकार के क्षेत्रीय प्राकृतिक एवं जैविक कृषि केंद्र नागपुर व उन्नत कृषि अभियान परिषद द्वारा आयोजित प्राकृतिक जैविक कृषि फ़ार्म सागर मध्यप्रदेश में 30 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स के 16 वे दिन कल दिनांक 18.01.2024 को स्वामिविवेकानंद यूनिवर्सिटी सागर मध्यप्रदेश के कृषि विभाग के ब्रीडर साइंटेस्ट डॉ उमेश मिश्रा जी ने तकनीकी सत्र में प्रतिभागियों को सीड ब्रीडिंग एवं इसमे अहम रोल करने वाले इन्सेक्ट के बारे में बताया।
वही प्रायोगिक सत्र में किसानों को किसान उद्यमी बनाने के लिये और खेतों से निकलने वाली कंद वाली फ़सलो के बिना खर्चे की स्टोरेज की विधि को समझाया गया इस विधि के माध्यम से अदरक, अरबी, हल्दी, कचूर, सूरन आदि फ़सलो को दो से पाँच महीने तक स्टोरेज किया जा सकता है।
यह विधि ना केवल फ़सलो के स्टोरेज पर कार्य करती है बल्कि इसे कंद वाली फ़सलो में अंकुरण लाने के लिए भी इसतेमाल किया जाता है । कृषकों को प्रैक्टिकल कराते हुए छाया दार जगह में तीन फीट चोड़ा दो फीट गहरा और पंद्रह फीट लंबा मिट्टी खोद कर खड्डा बनाया गया फिर इसकी सतह और दीवाल पर पलाश के पत्ते लगाते पकी हुई हल्दी को साथ में भरा गया फिर ऊपर से पत्ते से ही ढकते हुई हाफ़ फीट मिट्टी से ढक दिया गड्ढे में धूप और पानी नहीं जाना चाइए । किसानों को इसकी बारीकियाँ और सावधानियाँ प्रैक्टिकल के दोरान बताई गई ।
#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया)
प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश
सौo- गांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र
सह- संपादक-- मनीष कनौजिया
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