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Natural Organic Farming में प्रवीण बनने की दिशा में एक नया कदम: आयोजित प्रशिक्षण कोर्स में शामिल हुए युवा किसान, कु. वीना सोनी ने बताया प्राकृतिक खेती के महत्व को

 नमस्कार साथियों वन्देमातरम् जय गौ माता की 

#जैविककृषि #प्रदूषणनिरोध #सृजनात्मककृषिपद्धतियाँ





भारत सरकार के क्षेत्रीय प्राकृतिक एवं जैविक कृषि केंद्र नागपुर व उन्नत कृषि अभियान परिषद द्वारा आयोजित प्राकृतिक जैविक कृषि फ़ार्म सागर मध्यप्रदेश में 30 दिवसीय सर्टिफिकेट कोर्स के 17 वे दिन के तकनीकी सत्र में कल दिनांक 19.01.2024 को पर्यावरण वा मल्टीलेयर कृषि पदत्ति पर रिसर्च कर रही कु. वीना सोनी जी ने प्रतिभागियों को समझाया की जैविक वा प्राकृतिक खेती कैसे पर्यावरण को सुरक्षित कर सकती है यह खेती प्रकृति के सभी प्राणियो के साथ समन्वय बिठा कर होती इसमे केवल मनुष्य जाती का नहीं वरन् पूरी समस्टी की व्यवस्था को लाभ होता है ।








रासायनिक उर्वरक ज़हरीली गैसो का उत्सर्जन करते है ये वायुमंडल में जाकर जलवायु वरिवर्तन का कारण बनते है इससे वर्षा करने वाले बैक्टीरिया और तापमान प्रभावित होते है जिससे प्रकृति का असुन्तलन होता है , प्राकृतिक जैविक कृषि पर्यावरण को सुरक्षित करने का बड़ा माध्यम है।








किसानों ने प्रायोगिक सत्र में पपीते की फसल की तुड़ाई करने का यंत्र बनाया जो लगभग 50 रू की लागत में बन जाता है इसका प्रैक्टिकल करके युवाओं ने बनाया और पपीते को पेड़ से निकालने का प्रैक्टिकल किया । यह मल्टीलेयर कृषि कर रहे किसान भाईओ के लिए और एकल या अंतर्वर्तिये फसल प्रणाली से कार्य कर रहे सभी भाईयो के लिए आत्यंत लाभकारी है । 


#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया)

प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश


सौoगांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र

सह- संपादक-- मनीष कनौजिया


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