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लघु सीमांत छोटी जोत के किसानों के लिए मल्टीलेयर प्रैक्टिकल कृषि कार्यशाला: नए तकनीकों से भरपूर | Organic farming

नमस्कार साथियों, वन्देमातरम् जय गौ माता की!






7 दिवसीय मल्टीलेयर प्रैक्टिकल कृषि कार्यशाला का समापन कल, दिनांक 26 फरवरी 2024, को हुआ। यह कार्यशाला भारत के लघु सीमांत छोटी जोत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण चरण था, जिसमें उन्हें लाभकारी तकनीकों और मल्टीलेयर कृषि के प्रशिक्षण का अवसर मिला। 







किसान भाइयों ने इस कार्यशाला में भाग लेकर उत्पादन से उत्पाद तक की संपूर्ण प्रक्रिया का व्योहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। इससे उन्हें नई और सुधारित तकनीकों का सामरिक ज्ञान हुआ, जिसने उनकी कृषि उत्पादन में वृद्धि करने में मदद की।






आकाश चौरसिया, जो प्राकृतिक जैविक कृषि से जुड़े हुए हैं, ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि कृषि क्षेत्र में नवाचारों की आवश्यकता है। इस कार्यशाला ने उन्हें नए और सुस्त उपायों से रोगों और कीटाणु से मुक्ति प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।  यहाँ के किसानों ने मल्टीलेयर कृषि की विभिन्न पहलुओं को समझा और अपनाया, जिससे उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार हुआ। उन्होंने नए तकनीकी सुधारों के माध्यम से उत्पादकता में वृद्धि देखी और अपने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित किया।  इस प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से किसानों ने न केवल नए तकनीकों को सीखा, बल्कि उन्होंने एक-दूसरे के साथ अनुभव और ज्ञान का विनामूल्य संदान भी किया। इससे सामूहिकता और साथीपन की भावना मजबूत हुई और यह किसानों के बीच एक मजबूत समर्थन नेटवर्क का निर्माण करने में सहायक होगा।







इस प्रैक्टिकल प्रशिक्षण के दौरान, किसानों ने अपने क्षेत्र को विकसित करने के लिए विभिन्न सूचनाओं को भी सीखा और उन्हें अपनाने का प्रयास किया। इससे उनकी कृषि प्रणालियों में एक सुस्त और स्वावलंबी बदलाव होने का दृष्टिकोण बना।


#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया)

प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश


सौoगांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र

सह- संपादक-- मनीष कनौजिया








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