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गोरखपुर उत्तर प्रदेश में आज दिनांक 17 फ़रवरी से 3 दिवसीय मल्टीलेयर कृषि तकनीक पर प्रायोगिक कार्यशाला

 नमस्कार साथियों वन्देमातरम् जय गौ माता की 


बाबा गोरखनाथ की तपोभूमि गोरखपुर उत्तर प्रदेश में आज दिनांक 17 फ़रवरी से 3 दिवसीय मल्टीलेयर कृषि तकनीक पर प्रायोगिक कार्यशाला प्रारंभ ।



 

यह कार्यशाला विकलांक भाई बहनों की आजीविका व स्वभ्लभन के कार्य कर रही पूर्वांचल ग्रामीण विकास संस्था द्वारा ग्राम डुमरी सरदार नगर गोरखपुर में रखी गई जिसमे क्षेत्र से किसान भाई बहन शामिल हुए!




 

इस कार्यशाला का उद्देश्य मल्टीलेयर कृषि के माध्यम से कम ज़मीन का रकवा रखने वाले किसानो की आय में वृद्धि कर उन्हे आत्मनिर्भर बनाना है । कार्यशाला की शुरुआत गौ माता व सरस्वती माता की वंदना कर दीप प्रज्वलित कर की । 




 

तीन दिवस तक चलने वाली कार्यशाला में किसानों को पहले दिन अपने 15 वर्षों के गहरे प्रयोग और अध्ययन के अनुसार बताया की अगर कृषि में आय बड़ानी है तो उत्पादन बढ़ाने की बजाय किसान को प्रबंधन पर ध्यान देना होगा क्योंकि मिट्टी मशीन नहीं है की उसमे ज़्यादा खाद और पानी डाल कर ज़्यादा उपज ली जाये उपज एक लिमिट तक बड़ सकती हैं और वो हमने बड़ा ली है ,मिट्टी पहले से ही उत्पादन कर रही है अगर देखा जाये तो हम अपनी फसल के साथ लगभग 50 प्रतिशत तक तो घास को उगने देते है मल्टीलेयर तकनीक के माध्यम से हम घास के स्थान पर पत्ती वाली सब्ज़ी के बीज डालते है और उसे उगने देते है जिससे बिना मिट्टी पर जोर डाले घास की जगह फसल ली जा सकती है । किसान भाई बहनों को इसके बहुत सारे प्रयोग और परिणाम स्लाइड के माध्यम से दिखाए गये।





 

किसान भाई बहन अगलें तीन दिन तक मल्टीलेयर तकनीक का प्रक्टिकल कर इस तकनीक का मॉडल बना कर इस पर कार्य करना सीखेंगे ।कार्यशाला संस्था के संचालक आनंद जी ने कहा मल्टीलेयर फार्मिंग क्षेत्र के किसानों के लिए लाभकारी शाबित होगा इसमे किसान कम ज़मीन में भी कई फ़सले एक साथ ले सकते है । 


#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया)

प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश


सौoगांव शहर की नई बातें, हिंदी समाचार- पत्र

सह- संपादक-- मनीष कनौजिया

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