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One Day Multilayer Farming Workshop | Madhya Pradesh | Chindwada | Akash Chourasiya |

 नमस्कार साथियों वन्देमातरम् जय गौ माता की  


कल दिनांक 9 दिसंबर  2023 को सृजन संस्था छिन्दवाड़ा #Madhya Pradesh के किसान भाई बहनों के लिये एक दिवसीय #Multilayer #Farming 3Workshop(मल्टीलेयर कृषि कार्यशाला)  का आयोजन किया गया





कार्यशाला में किसानों को प्राकृतिक जैविक कृषि के फ़ायदे विस्तार से समझाए एवं मल्टीलेयर कृषि से कैसे छोटी जोत के किसानों  की आय बड़ाई जा सकती है एस तकनीक का लाभ कैसे लिया जा सकता है किसान भाई बहनों को विस्तार से बताया गया, किसानों को मल्टीलेयर कृषि के बहुत सारे मॉडल दिखाए गये, आलू की , हल्दी की , गेहूं की एवं चने की कई किस्मों का अवलोकन कराया गया किसानों को बहुत कम लागत में अच्छी आमदनी देने के भी मॉडल दिखाये गये ! 





कार्यशाला में किसान भाई बहनों ने रॉकफ़ोस्फेट और ताजे गोबर को मिक्स कर जैविक डी ए पी बनाना , जैविक यूरिया और सूक्ष्म पोशाक तत्व बनाने की विधियों का प्रैक्टिकल अवलोकन किया साथ ही किसान भाई बहनों ने कृषि उत्पादन को उत्पाद में बदलने की अलग अलग प्रक्रियाओं के बारे में समझा भ्रमण के दोरान किसानों ने सोलर तकनीक से गुड की आवला केंडी बनाना ,मोरिंगा पॉउडर, ग्रीन ऑनियन पॉउडर,जिंज़र पॉउडर और हल्दी पॉउडर आदि बनाने की संपूर्ण जानकारी हासिल की । 





रॉक फॉस्फेटके उपयोग


रॉक फॉस्फेट प्रकृति द्वारा दिया गया एक प्राकृति खनिज है जिसका उपयोग इसकी समृद्ध पोषक तत्व, मुख्य रूप से फास्फोरस के कारण जैविक खाद के उत्पादन में किया जाता है। जैविक खेती में रॉक फॉस्फेट प्रयोग कई लाभ प्रदान करता है, जो मिट्टी की उर्वरता की शक्ति, पौधों की वृद्धि में और कृषि पद्धतियों में योगदान देता है।


Phosphorus Enrichment in Organic Fertilizers(जैविक खाद में फास्फोरस संवर्धन):


रॉक फॉस्फेट प्रकृति द्वारा दिया गया फॉस्फोरस का एक मूल्यवान स्रोत है, जो पौधों की वृद्धि में और विकास के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व का कार्य करता है। फॉस्फोरस पौधों के अंदर प्रकाश संश्लेषण, ऊर्जा हस्तांतरण और जड़ विकास सहित विभिन्न जैविक क्रियाओं में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। रॉक फॉस्फेट से प्राप्त जैविक खाद धीरे-धीरे फॉस्फोरस का उत्पादन करती है, जिससे पौधों को लंबे समय तक स्थाई आपूर्ति सुनिश्चित होती है।

रॉक फॉस्फेट में फॉस्फोरिक एसिड के रूप में फॉस्फोरस ही होता है, जो पौधों के विकास के लिए अत्यंत लाभकारी है। फॉस्फोरस न्यूक्लिक एसिड का एक अभिन्न घटक है, जो कोशिका विभाजन, जड़ विकास, फूल आने और बीज निर्माण के लिए अपनी अहम भूमिका निभाता है। जैविक खेती में, जहां सिंथेटिक खाद से परहेज किया जाता है





Slow Release of Nutrients(पोषक तत्वों का धीमा वितरण):


जैविक खाद में रॉक फॉस्फेट का उपयोग करने का एक महत्वपूर्ण पहलू इसकी धीमी गति से वितरण वाली प्रकृति है। #synthetic #fertilizers के विपरीत, जो बहुत तेजी से पोषक तत्व छोड़ सकते हैं, जिससे सम्भवता लीचिंग और पर्यावरण प्रदूषण हो सकता है, रॉक फॉस्फेट- द्वारा बनी जैविक खाद धीरे-धीरे पोषक तत्व छोड़ते हैं। यह धीमी गति से जारी होने वाली पौधों द्वारा बेहतर अवशोषण की अनुमति देती है और #sustainable #agricultural #practices को बढ़ावा देते हुए पोषक तत्वों के जोखिम को कम करती है।


Soil Amendment and Plant Nutrition(मृदा संशोधन और पौध पोषण):


रॉक फॉस्फेट से तैयार जैविक खाद मिट्टी में सुधार में काम करते हैं, तथा मिट्टी के स्वास्थ्य को बढ़ाने में योगदान करते हैं। मिट्टी को फास्फोरस से समृद्ध करते हैं। रॉक फॉस्फेट से प्राप्त फास्फोरस मिट्टी में माइक्रोबियल गतिविधि को एक्टिव कर देता है, कार्बनिक पदार्थों के विघटन में सहायता करता है और पौधों के लिये पोषक तत्वों की उपलब्धता को आसान बनाता है। यह पोषक तत्व चक्रण मिट्टी की संरचना, उर्वरता और समग्र उत्पादकता में अत्यधिक सहायता करता है, जिससे स्वस्थ पौधों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण का परिवेश बनता है, और स्वस्थ पौधों के विकास में सहायता मिलती है।


Long-Term Soil Fertility(दीर्घकालिक मृदा उर्वरता):


#Organic #farming में #Rock #phosphate का उपयोग दीर्घकालिक मिट्टी की उर्वरता की अवधारणा को परिभाषित करता है। जैसा की यह फॉस्फोरस को धीरे-धीरे वितरण करता है, यह पौधों को पोषक तत्वों की निरंतर आपूर्ति को बनाये रखता है और साथ ही मिट्टी को भी समृद्ध करता है। यह दृष्टिकोण #sustainable #agriculture के सिद्धांतों के अनुरूप है, जो भविष्य की पीढ़ियों के लिए मिट्टी के स्वास्थ्य और उर्वरता के संरक्षण के समीकरण पर खरा उतरता है।


Environmental Benefits(पर्यावरणीय लाभ):


रॉक फॉस्फेट-आधारित #organic #fertilizers अपने #synthetic #counterparts की तुलना में पर्यावरणीय लाभ प्रदान करते हैं। उनकी धीमी-रिलीज़ प्रकृति जल निकायों में पोषक तत्वों के प्रवाह के जोखिम को कम करती है, जिससे जल प्रदूषण कम होता है। #Organic Farming में रॉक फॉस्फेट का उपयोग #sustainable #agriculture के अनुरूप है। यह सिंथेटिक उर्वरकों पर निर्भरता को लगभग कम करता है, उनके उत्पादन और अनुप्रयोग से जुड़े पर्यावरणीय प्रभाव को कम करता है। इसके अतिरिक्त, जैविक उर्वरकों के उपयोग से कृषि पारिस्थितिकी तंत्र में जैव विविधता, मिट्टी की संरचना और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।


Compatibility with Organic Farming (जैविक खेती के साथ अनुकूलता):


#Rock #phosphate #Organic #Farming के सिद्धांतों के साथ अच्छी तरह परिभाषित करता है, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला #mineral है। organic fertilizer #formulations में इसका उपयोग जैविक खेती मानकों का पालन करता है, सिंथेटिक रसायनों के उपयोग से बचाव करता है और जैविक रूप से उगाई गई फसलों का उत्पादन सुनिश्चित करता है।


Challenges and Limitations (चुनौतियाँ और सीमाएँ):


जबकि रॉक फॉस्फेट जैविक उर्वरक उत्पादन में फायदेमंद है, इसकी धीमी घुलनशीलता पौधों को आसानी से उपलब्ध फास्फोरस की आपूर्ति में चुनौतियां पैदा कर सकती है, खासकर #high Ph स्तर वाली मिट्टी में। कुछ जैविक खेती प्रणालियों को रॉक फॉस्फेट से फास्फोरस की उपलब्धता बढ़ाने के लिए अतिरिक्त संशोधन या माइक्रोबियल गतिविधि की आवश्यकता हो सकती है।


Conclusion (निष्कर्ष):


#Rock #phosphate, पौधों के विकास के लिए एक प्रमुख पोषक तत्वका आधार माना जाता है, फॉस्फोरस को धीमी गति से निकलने वाले रूप में प्रदान करके जैविक खेती में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जैविक उर्वरक फॉर्मूलेशन में इसका एकीकरण मिट्टी की उर्वरता में योगदान देता है, #sustainable agricultural practices को बढ़ावा देता है और पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रणालियों का समर्थन करता है। #Organic #Farming के तरीकों में निरंतर नवाचार और अनुकूलन जैविक कृषि के सिद्धांतों को बनाए रखते हुए फसलों की पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने में रॉक फॉस्फेट की प्रभावकारिता को और बढ़ाता है।





#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया)

प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश

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