नमस्कार साथियों वन्देमतरम जय गौ माता की
#BundelKhand (बुंदेलखंड) के किसान भाई बहनों ने देखी मल्टीलेयर खेती में एक साथ चार चार फ़सले साथ ही कई गेहूँ की देशी प्रजातियों की फ़सले आज दिनांक 1 दिसंबर 2023 को बुंदेलखंड क्षेत्र के तेदुखेड़ा के किसान भाई बहन One day Farming workshop (एक दिवसीय कृषि कार्यशाला) में शामिल हुए इस कार्यशाला में 50 से ज़्यादा किसान भाई बहन शामिल हुए।
यह कार्यशाला में एल आई सी एच इफ़ एल हृदय परियोजना के अंतर्गत कृषकों का आना हुआ। बुंदेलखंड के अधिकतम किसान पानी की समस्या से परेशान है ऐसे में प्राकृतिक जैविक खेती और मल्टीलेयर खेती किसानों की समस्या का हाल कर सकती है इससे भूमि में एक दम सुधार होता है मिट्टी की जलधारन क्षमता बड़ जाती है मिट्टी भुरभुरी और मिट्टी का कार्बन भी तेज़ी से बढ़ता साथ ही साथ यह मॉडल मोसम के बुरे असर को रोकता है।
धूप छाया का संतुलित वातावरण होता जिससे फ़सलो में कीड़े भी कम लगते है साथ ही देशी बीजों के प्रयोग से अनाज की गुणवत्ता अच्छी होती है और इस मॉडल को बहुत कम पानी में भी किया जा सकता है।
किसानों ने खेती के अन्य मॉडल भी देखे जिसमे गेहूं, अरहर,हल्दी, मसूर , अलसी, केला , पपीता , चना आदि अंतर्वतीय फसल प्रणाली, मिक्स प्रणाली और मल्टीकरोपिंग प्रणाली में उगाये जा रहे है उनके फायदे और उगाने के तरीक़े समझाए !
Multilayer Farming: Cultivating Sustainability through Vertical Agriculture
#Multilayer Farming, जिसे वर्टिकल फार्मिंग या मल्टी-टियर क्रॉपिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक नवीन कृषि तकनीक है जो अक्सर नियंत्रित वातावरण में कई परतों में फसलों को उगाकर उपयोग को अधिकतम करती है। इस विधि में #Horizontal और #Vertical दोनों स्थानों का कुशलतापूर्वक उपयोग करते हुए, जमीन से ऊपर अलग-अलग ऊंचाई पर विभिन्न फसलें उगाना शामिल होता है।
Principles of Multilayer Farming
Vertical Space Utilization:
#Multilayer Farming कई #Layers में फसलें उगाकर #Vertical स्थान का लाभ उठाती है, जिससे सीमित भूमि संसाधनों का कुशल उपयोग होता है, खासकर शहरी और घनी आबादी वाले क्षेत्रों में।
Diversification of Crops:
यह तकनीक एक ही स्थान पर विभिन्न फसलों की एक साथ खेती करने, जैव विविधता को बढ़ावा देने और मोनोकल्चर खेती से जुड़े जोखिम को कम करने की अनुमति देती है।
Optimized Resource Utilization:
#Multilayer Farming पानी, पोषक तत्वों और सूरज की रोशनी जैसे संसाधनों के उपयोग को अनुकूलित करती है, जिससे waste को कम करते हुए उत्पादकता को अधिक किया जाता है।
Advantages of Multilayer Farming
अनुकूलित भूमि उपयोग:
बहुपरत
खेती पारंपरिक खेती के तरीकों की तुलना में प्रति वर्ग फुट अधिक फसल की पैदावार की देती है, जो इसे शहरी क्षेत्रों या सीमित कृषि भूमि वाले क्षेत्रों के लिए आदर्श बनाती है।
साल भर उत्पादन:
वातावरण के अनुसार साल भर खेती को सक्षम बनाता है, मौसमी बदलावों और मौसम की स्थिति पर निर्भरता को पूरी तरह से कम करता है, जिससे ताजा उपज की लगातार आपूर्ति सुनिश्चित होती रहती है।
जल और संसाधन दक्षता:
#Multilayer Farming जैसी तकनीक पोषक तत्वों की आपूर्ति को अनुकूलित करते हुए पानी के उपयोग को काफी कम कर देती हैं, जिससे बहुपरत खेती अधिक संसाधन-कुशल हो जाती है।
जैव विविधता कीट प्रबंधन:
कार्बन
पदचिह्न में कमी:
#Akash Chourasiya (आकाश चौरसिया )
#Natural Orgnic Farming, Sagar, Madhya Pradesh (प्राकृतिक जैविक कृषि सागर मध्यप्रदेश)