'सहारा श्री की अंतिम क्रिया में नहीं शामिल हुए उनके दोनों सुपुत्र । पत्नी भी नहीं आईं ।' यह केवल खबर भर नहीं है । यह आईना समाज को है जीवन का जिसमें हमें और आपको अपनी तस्वीर गौर से देखनी चाहिए । #Subrata Roy’s अर्थात् सहारा श्री आज पंचतत्व में विलीन हो गया । उनके पोते ने उन्हें मुखाग्नि दी । उनके अंतिम क्रिया के समय उनके शुभचिंतक नजर आये ।
उनकी पत्नी और उनके दोनों बेटे उनकी अंतिम यात्रा के वक्त नहीं दिखे। उनकी मौत के समय भी उनके परिवार का कोई सदस्य उनके करीब नहीं था...। पत्नी और बेटे तक नहीं ।
#Sahara Shree यह वही थे जिनके कारोबार की धाक कभी पूरी दुनिया भर में चारों तरफ फैली थी । सेविंगस फाइनेंस चिट फण्ड, मीडिया , मनोरंजन, एयरलाइन, न्यूज़, होटल, खेल, भारतीय क्रिकेट टीम का 11 साल तक स्पान्सर, इत्यादि इत्यादि..
#Sahara Shree यह वही थे जिनकी महफिलों में कभी राजनेता से लेकर अभिनेता और बड़ी बड़ी हस्तियां आगे पीछे घूमते नज़र आते थे
ये वही सहारा श्री थे जिन्होंने अपने बेटे सुशान्तो-सीमांतो की शादी में 500 करोड़ से भी ज्यादा खर्च किए थे ।
#Sahara Shree ऐसा भी नहीं था कि ने अचानक दम तोड़ा ! उन्हें Cancer था और उनके परिवार के हर एक सदस्य को उनकी Death का Month पता होगा लेकिन तब भी अंतिम वक्त में उनके साथ, उनके पास परिवार का कोई Member नहीं था...! बेटों ने उनके पार्थिव शरीर को कांधा तक नहीं दिया...!
जीवन की तो, यही सच्चाई है । जिनके लिए आप जीवन भर झूठ-सच करके धन दौलत जमा करते हैं... जिनके लिए आप जीवन भर मारा-मारी करते रहते हैं... अपनी खुशी के लिए आप दूसरों की खुशी छीनते रहते हैं... अपना घर बसाने के लिए आप हजारों घर उजाड़ते हैं... अपनी बगिया सजाने और चहकाने के लिए आप प्रकृति तक की ऐसी तैसी करने में पीछे नहीं आते...
वे पुत्र और अपने परिवार आपके लिए, अंतिम समय में साथ तक नहीं रह पाते !
कभी रुक कर सोचिएगा कि आप कुकर्म तक करके जो पूंजी जमा करते हैं, उन्हें उपभोग करने वाले आपके किस हद तक 'आपके अपने' हैं...?
बुद्ध ने अंगुलीमाल से यही तो कहा था कि "मैं तो कब का ही रूक गया, अब तुम कब रूकोगे..."